अनोखी दुकान: आगे पीछे रोने वाला कोई नहीं, इसलिए गुलाबजामुन ₹100, समोसा ₹10, दही ₹30

 

 अनोखी दुकान: आगे पीछे रोने वाला कोई नहीं, इसलिए गुलाबजामुन ₹100, समोसा ₹10, दही ₹30

अनोखी दुकान: आगे पीछे रोने वाला कोई नहीं, इसलिए गुलाबजामुन ₹100, समोसा ₹10, दही ₹30


हनुमानगढ़ के संगरिया शहर में ओवर ब्रिज के ठीक ऊपर लगा एक विज्ञापन होर्डिंग यहां से गुजरने वाले हर राहगीर को आकर्षित कर रहा है। टैग लाइन से ट्रेंडिंग में लाना डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों से तो सुना था परंतु यह नहीं जाना की आम व्यक्ति भी ऐसा कर सकता है। संगरिया के रहने वाले प्रेम सहारण ने अपने अपने व्यवसाय को बढ़ाने का अजीबोगरीब तरीका निकाला। उन्होंने अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए एक टैगलाइन तैयार की और उसे बैनर पर प्रिंट करवा लगवा दिया शहर के सबसे व्यस्ततम जगह और ब्रिज के ठीक ऊपर जहां से आने जाने वाले हर राहगीर की नजर उस विज्ञापन लगे होर्डिंग पर पड़े। टैगलाइन भी ऐसी कि देखने वाले को सोचने व इनकी दुकान आने को मजबूर कर दे।

दरअसल प्रेम सहारण ने अपनी मिठाई की दुकान के लिए एक विज्ञापन तैयार करवाया जिसमें लिखा 

आगे पीछे रोने वाला कोई नहीं इसलिए गुलाबजामुन ₹100, समोसा ₹10, दही ₹30

सहारण डेयरी एंड मिष्ठान भंडार, ओवर ब्रिज पुल के ठीक नीचे संगरिया 

वाकई में व्यवसाय बढ़ाने का यह लाजवाब आइडिया है।


जब इनसे पूछा गया कि आपने आखिर ऐसा क्यों लिखवाया कि आगे पीछे रोने वाला कोई नहीं है तो इन्होंने अपनी दर्द भरी दास्तान बताई। दरअसल इनके परिवार जनों ने इन्हें घर से निकाल दिया और कहा कि आप या तो अपने पिता के घर चले जाएं या ननिहाल; यहां आपके लिए कोई जगह नहीं है।

तो इनसे फिर सवाल किया गया आखिर बच्चे क्यों घर में नहीं घुसने दे रहे  हैं? तब उन्होंने बताया कि वो बचपन में पिता की क्रूरता से बचने के लिए मामा के पास चला आए लेकिन समय के साथ उनका भी व्यवहार बदला और इनके कमाए गए पैसों को किसी बहाने लेकर हड़प लिया और वापस देने का नाम ही नहीं लिया। पहले खेती और फिर दो दशक दूध का व्यवसाय कर कमाए पैसे खो दिए। इस बीच इनका एक्सीडेंट हुआ और हाथ पैर टूट गए। इसी के चलते घर में धीरे-धीरे क्लेश शुरू हुआ जो संबंध विच्छेद पर आकर रुका। 

लेकिन इन सब के उपरांत प्रेम सहारण ने हार नहीं मानी। इन्होंने फिर से दिन रात मेहनत करना प्रारंभ की और इस बार दूध व्यवसाय के साथ-साथ मिठाई की दुकान में हाथ आजमाया। बाजार में जो गुलाब जामुन लगभग ₹160 किलो मिल रहा है वही यह 100 रुपए किलो बेच रहे हैं। क्योंकि यह कहते हैं अब परिवार जनों से भी संबंध टूट गया तो यह मेहनत की कमाई संगरिया के बच्चों की है। इतने कम दामों में बेचने पर भी मेहनत का हक तो मिल ही जाता है।

इस बोर्ड को लगाने के पीछे उनका मकसद बस इतना सा है हो न हो 1 दिन बच्चों का दिल पिघले और इनकी घर वापसी हो।

 

दुकान में लगा रखी है भगत सिंह के साथ स्वर्गीय SHO विष्णु दत्त बिश्नोई की प्रतिमा


अपने जीवन पर्यंत आमजन के लिए सेवारत रहे स्वर्गीय विष्णु दत्त बिश्नोई की परोक्ष हत्या प्रकरण की गुत्थी तो नहीं सुलझ पाई लेकिन उनके आदर्श व्यक्तित्व को लोग आज भी अनुसरण करते हैं। प्रेम सहारण ने अपनी दुकान में शहीदे आजम भगत सिंह के साथ स्वर्गीय SHO विष्णु दत्त बिश्नोई की प्रतिमा भी लगा रखी है। जब इन से इस संदर्भ में सवाल किया गया तो इन्होंने बताया कि भगत सिंह हर भारतीय के लिए प्रेरणा स्त्रोत है क्योंकि उन्होंने महज 23 बरस की उम्र में फांसी के फंदे को गले लगा देश में आजादी की नींव रखी थी। और स्वर्गीय विष्णु दत्त बिश्नोई भी आमजन के लिए न्याय के देवता थे। उनका आदर्श व्यक्तित्व हमें हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलने को प्रेरित करता है इसलिए शहीदे आजम भगत सिंह के साथ स्वर्गीय विष्णु दत्त बिश्नोई की प्रतिमा मैंने दुकान में लगाई है।

हालांकि इस विज्ञापन होर्डिंग लगाने से उनके परिवार का दिल तो नहीं पिघला लेकिन प्रेम सहारण का व्यवसाय दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है।


 झलको मीडिया टीम संघर्षशील प्रेम सहारण के लिए दुआ करती है कि इन्हें जल्द ही अपने परिवार का साथ मिले।

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