हरेकाला हजब्बा : अनपढ़ बुजुर्ग ने संतरे बेचकर गांव में खोला स्कूल, अब हुए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित

 हरेकाला हजब्बा : अनपढ़ बुजुर्ग ने संतरे बेचकर गांव में खोला स्कूल, अब हुए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित

हरेकाला हजब्बा : अनपढ़ बुजुर्ग ने संतरे बेचकर गांव में खोला स्कूल, अब हुए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित


गुजर बसर करने के लिए इस संसार का हर व्यक्ति कार्य करता है। लेकिन कुछ विरले लोग होते हैं ‌जो दूसरों के जीवन में उजाला लाने के लिए स्वयं का जीवन खपा देते हैं। आज हम ऐसे ही विरले व्यक्ति हरेकाला हजब्बा (Harekala Hajabba) से आपको रूबरु करवा रहे हैं जिन्हें उत्कृष्ट सामाजिक कार्य के लिए आज पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया है।


Harekala Hajabba : संतरे बेचकर गुजर बसर करने वाले 64 वर्षीय हरेकाला हजब्बा को देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक के समान पदम श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है। मूलतः कर्नाटक के रहने वाले हजब्बा को सोमवार को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री पुरस्कार देकर सम्मानित किया। सामाजिक कार्य श्रेणी के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए हजब्बा को इस अवार्ड से नवाजा गया।  


अंग्रेजी के एक किस्से ने बदल दी जिंदगी

संतरा बेचकर कर गुजर-बसर करने वाले हजबा ऊर्फ 'अक्षर संत' स्वयं अशिक्षित है परंतु गांव में विद्यालय खोलकर लोगों के जीवन में उजाला लाने को प्रयासरत हैं। उनके इस शिक्षा के प्रति लगाव के पीछे एक कहानी है दरअसल उनकी संतरा स्टॉल पर एक बार विदेशी टूरिस्ट ने अंग्रेजी में संतरों का मोल भाव किया लेकिन वो टूरिस्ट की भाषा न समझने के कारण दाम नहीं बता पाए। इस घटना से उन्हें शर्मिंदगी महसूस हुई।

इसी के चलते उन्होंने सोचा वह तो पढ़ नहीं पाए परंतु गांव में विद्यालय खोलकर युवाओं को तो शिक्षित कर ही सकते हैं। उनके गांव न्यूपाडापु में कोई विद्यालय नहीं था और न ही गांव के बच्चे शिक्षा से अपरिचित थे। शिक्षा के प्रति उपजे अपने इसी लगाव के कारण उन्होंने संतरा से होने वाली बचत तक वो धीरे धीरे जमा कर वर्ष 2000 में अपने गांव में एक विद्यालय बनाया ताकि गांव के बच्चे शिक्षित हो सकें। इस प्राथमिक विद्यालय में जरूरतमंद बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं। उनके इसी सेवाभावी कार्य के लिए आज उन्हें राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद द्वारा पदम श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया इस दौरान उनके साथ उनके भतीजे भी थे।

0/Post a Comment/Comments

Stay Conneted

अपनी खबरें इस ईमेल पते पर भेजें : info@jhalkobikaner.com | अपनी खबरें इस ईमेल पते पर भेजें : info@jhalkobikaner.com