इनसे अपने काम का कुछ तो ख़रीदा जा ही सकता है | Jhalko Bikaner
कहा गया है आत्मसम्मान से बड़ा कोई धन नहीं! आत्मविश्वास से इस धन को उम्र के ढलते पड़ाव में भी मेहनत के बल पर कायम रखा जा सकता है। आज हम आपको रूबरू करवा रहे हैं ऐसी ही एक अनोखी वृद्धा से जो बुढ़ापे में पेन बेचकर जीवन यापन कर रही है।
सोशल मीडिया पर पिछले दिनों एक फोटो वायरल हुई जिसमें पुणे महाराष्ट्र की एक वृद्धा चेहरे पर मुस्कान लिए पेन बेच रही है। वृद्धा के पेन से भरे बॉक्स के ऊपरी कवर पर लिखा हुआ है "मैं भीख नहीं मांगना चाहती, कृपया ₹10 के ब्लू पेन खरीदें, धन्यवाद; भगवान आपका भला करें।
दरअसल यह फोटो शिखा राठी ने एमजी रोड पुणे से अपनी इंस्टाग्राम आईडी पर साझा की और लिखा
आज मैं एक रियल लाइफ हीरो और चैंपियन से मिली जिनका नाम था - रतन
आज मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर गयी थी, तब मेरी मुलाकात रतन से हुई। उन्होंने अपने हाथ में एक बोर्ड पकड़ा हुआ था। उसपर लिखे नोट को पढ़ने के बाद मेरी एक दोस्त ने तुरंत उनसे एक पेन खरीद लिया। इससे रतन बहुत खुश हो गयीं, जिसकी चमक उनकी आँखों में दिख रही थी। उन्होंने हमें धन्यवाद कहा और ऐसी कोई विनती भी नहीं की, कि हम उनसे और पेन ख़रीदे। उनकी प्यारी मुस्कान, संतुष्टि और ख़ुशी देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनसे कुछ और पेन खरीद लिए। उनकी उस मुस्कान को देखकर, मेरा दिल भर आया।
- शिखा राठी
देखते ही देखते यह फोटो वायरल हो गई। यूजर्स तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। बहुत से लोग इस वृद्धा की मदद के लिए आगे आए और शिखा से उनके कांटेक्ट डिटेल या खाता नंबर साझा करने का अनुरोध कर रहे हैं।
पेन बेच रही वृद्धा के चेहरे की मुस्कान और बॉक्स पर लिखे शब्द हमें जीवन के कठिन से कठिन दौर में भी मुस्कुराते हुए मेहनत करने की प्रेरणा देते हैं। आइए हम सब भी शिखा की तरह ऐसे लोगों की खुशियों के भागीदार बने, जहां भी ऐसे आत्मसम्मानित लोग कुछ बेचते हुए दिखें कृपया उनसे कुछ न कुछ अवश्य खरीदें।
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