दीवाली पर मिठाइयों से लें मोटिवेशन, जीवन में बहुत आगे जाओगे
दीपावली का पावन पर्व है और मिठाइयां न खाएं ऐसा तो हो नहीं सकता। तो आइए हम इस दीपावली पर विभिन्न प्रकार की मिठाइयों से मुंह मीठा करने के साथ मोटिवेशन लें ताकि जीवन में मधुरता के साथ शीर्ष पर पहुंचने में सफल हो सकें।
हमारी मिठाइयों पर ध्यान दीजिए... वैसे ही मिठाई नहीं कहलाती, मीठा होने के साथ और भी बहुत कुछ उनमें मधुर होता है। कुछ ना कुछ सकारात्मक मधुर सन्देश आपके लिए देती है।
ध्यान ये रखें इन्हें पचाने के लिये शरीर से काम भी लेना आवश्यक है सिर्फ खाना ही जीवन नही है।
जलेबी
आकार (कद और पद) मायने नहीं रखता..
स्वभाव मायने रखता है।
जीवन में उलझने कितनी भी हों रसीले और मधुर रहो।
रसगुल्ला
कोई फर्क नहीं पड़ता कि, जीवन और आपके अपने आपको कितना निचोड़ते है.... अपना वास्तविक स्वरूप सज्जनता सदा बनाये रखें।
लड्डू
बूंदी-बूंदी से लड्डू बनता...छोटे-छोटे प्रयास से ही सब कुछ होता हैं। सकारात्मक प्रयास करते रहे... और संगठन में ही शक्ति है, संगठित रहें।
सोहन पपड़ी
हर कोई आपको पसन्द नहीं कर सकता.. लेकिन बनाने वाले ने कभी हिम्मत नहीं हारी... अपने लक्ष्य पर टिके रहो।
काजू कतली
अपने आपको इतना सस्ता ना रखे.... की मार्ग चलता कोई भी आपका दाम पूछता रहे।
आंतरिक गुणवत्ता हमें सबसे अलग बनाती है, अपना अवमूल्यन ना होने दें।
गुलाब जामुन
नम्र होना न्यूनता नहीं है! ये आपकी विशेषता भी है। विनम्रता यह व्यक्ति का विशेष गुण है।
बेसन के लड्डू
यदि दबाव में बिखर भी जाय तो, फिर से बंधकर लड्डू हुआ जा सकता है...
जहां तक सम्भव हो सके। परिवार, समाज राष्ट्र और विश्व में एकता बनाए रखें।
नोट: आप सभी से निवेदन ये सब खाये ... पर अपने स्वास्थ्य का अवश्य ध्यान रखें तथा इन्हें खाकर चाय ना पिये क्योंकि चाय फीकी लेगेगी और चाय वैसे भी पीने की वस्तु नहीं है।
नवसस्येष्टि पर्व (दीपावली) पर जितना हो सके उतना देशी मिष्ठानों और घर पर बनाई हुई वस्तुओं का ही उपयोग करें और सनातन धर्म संस्कृति हमें पर्यावरण सुरक्षा का आधार यज्ञों वै श्रेष्ठतम कर्म का सन्देश देती है, यज्ञ रचाए पर्यावरण के साथ-साथ सनातन धर्म संस्कृति के मूल्यों को भी बचाएं। आतिशबाजी का अंधानुकरण कर पाप के भागी ना बने।
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