यूपी में बुलडोज़र और पंजाब में झाड़ू ने रचा इतिहास | Jhalko Bikaner

 यूपी में बुलडोज़र और पंजाब में झाड़ू ने रचा इतिहास | Jhalko Bikaner

यूपी में बुलडोज़र और पंजाब में झाड़ू ने रचा इतिहास | Jhalko Bikaner


बाल मुकुन्द ओझा

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में सर्वे और एग्जिट पोल पर मुहर लगाते हुए भाजपा ने यूपी और आम आदमी पार्टी ने पंजाब में ऐतिहासिक जीत दर्ज़ कर नया इतिहास रच दिया है। यह भी जाहिर हो गया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू अभी भी जनता के सिर चढ़कर बोल रहा है। चुनाव परिणाम देर तक मिलने की उम्मीद है। मगर रुझानों के अनुसार भाजपा ने अपने बल पर यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में अपनी जीत एक बार फिर दोहरा कर बहुमत का जादुई आंकड़ा छू लिया है। इसमें यूपी की जीत ने इतिहास रच दिया है। किसान आंदोलन के शूरमाओं और दल बदलू भष्मासुरों के सपने चकनाचूर हो गए है। यूपी का चुनाव लड़ने वाली असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी का खाता तक नहीं खुला है। यूपी में 70 साल में योगी आदित्यनाथ पहले मुख्यमंत्री हैं जो अपना पांच साल का पहला कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे। गुरुवार का दिन भाजपा के लिए काफी सुकूनदायक रहा। देश में सर्वत्र मोदी मोदी का नारा साकार हो गया। एक दिन पहले बनाये गए लड्डू देशभर में बांटे गए। रुझानों का पत्ता चलते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न मनना शुरू कर दिया। मतदाताओं ने विशेषकर यूपी में जातीय गठबंधन को ठुकराते हुए एक बार फिर मोदी  और योगी पर विश्वास व्यक्त किया है। मतदाताओं ने एग्जिट पोल के अनुमानों पर ही अपनी मुहर लगाई है। 

यूपी में अखिलेश, जयंत, राजभर और स्वामी प्रसाद मौर्य का गठजोड़ बुरी तरह धराशाही हो गया है। परिवारवादियों की पार्टी को लोगों ने ठुकरा दिया है। यूपी के बारे में कहा जा रहा था की यहाँ किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत के साथ सपा और रालोद का गठजोड़ बहुत मजबूत है। यादव, मुस्लिम और जाट वोटों के बूते बने महागठबंधन ने भाजपा के सफाये की घोषणा की थी  मगर मोदी और योगी के करिश्मे ने इस गठजोड़ को धराशाही कर दिया। उत्तराखंड में कांग्रेस लोगों का दिल नहीं जीत पाई। यूपी, उत्तराखंड मणिपुर में जीत पक्की करने के बाद गोवा में भी भाजपा ने वापसी की है। राजनीतिक प्रेक्षकों का अनुमान है यूपी में महा गठबंधन की पार्टियां कानून व्यवस्था के मामलों में योगी के बुलडोज़र का शिकार हो गयी। बीजेपी के कार्यकर्ता अब बुलडोजर पर चढ़ कर जीत की रैली निकाल रहे हैं। साथ ही गरीबों के कल्याण के लिए उठाये गए क़दमों ने भाजपा की झोली वोटों से भर दी। यूपी में मोदी का जादू जमकर चला। मोदी की सुनामी के आगे उनके विरोधी ढेर हो गए। यह भी पूरी तरह साफ हो गया कि यूपी में जातीय दावे फेल हो गए और मतदाताओं ने जातीय भंवर से निकल कर साफ सुथरी सरकार के लिए अपना मत दिया। यह भी साबित हो गया कि पूर्व में सपा कांग्रेस, सपा बसपा की तरह इस बार  सपा और रालोद का साथ मतदाताओं को पसंद नहीं आया। लगता है चुनावी रणनीति को समझने में अखिलेश ने भारी भूल की है। पांच वर्ष तक सड़कों पर कोई संघर्ष नहीं किया और चुनावों के आते ही मोदी योगी पर ताबड़तोड़ हमले जनता को हज़म नहीं हुए। जातीय राजनीति करने वाली बसपा की हेकड़ी भी इस चुनाव ने निकाल कर रख दी और मायावती की हैसियत भी सामने आ गई। मतदाताओं को विकास का साथ पसंद आया। पंजाब को छोड़कर चारों राज्यों में  भाजपा के खेमे में बल्ले बल्ले है तो प्रियंका वाड्रा का लड़की हूँ लड़ना जानती हूँ का नारा भी टांय टांय फिस्स हो गया। कांग्रेस मायूस है। मोदी  के साथ महाबली के रूप में अवतरित हुए योगी और अमित शाह की रणनीति कारगर साबित हुई है। बुलडोज़र बाबा को घर भेजने की  घोषणा से अखिलेश की पार्टी को जबरदस्त मात खानी पड़ी। यूपी में लोग बुलडोज़र के गीत गए रहे है। सही बात तो यह है कि गत पांच वर्षों में जहाँ जहाँ भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव हुए वहां वहां भाजपा को भारी जीत मिली इसे विपक्ष भांप नहीं पाया और उनको हार का सामना करना पड़ा। बंगाल की मुख्यमंत्री  ममता दीदी ने सपा के पक्ष में सभा की मगर उनकी यहाँ किसी ने नहीं सुनी।  इस चुनाव में प्रधानमंत्री को बहुत भद्दी भद्दी गालियां  दी गयी। जिस नेता और पार्टी ने मोदी को गाली दी वे सभी जनता की अदालत का सामना नहीं कर पाए।  लोगों का कहना है की जनहितकारी कार्यक्रम, मुफ्त रसोई गैस, गरीबों को मकान, शौचालय, मुफ्त अनाज जैसी योजनाएं काम कर गयी और लाभान्वित होने वाले परिवारों ने भाजपा को ही चुना। 

दिल्ली में लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी ने पंजाब में कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ कर 117 में से 90 से अधिक सीटें हासिल कर एक तरफ़ा जीत हासिल करली  है। यहाँ निवर्तमान मुख्यमंत्री चन्नी सहित पूर्व मुख्यमंत्री बादल और अमरिंदर सिंह सहित बहुचर्चित नेता नवजोत सिंह सिद्धू को हार का सामना करना पड़ा है। यहां भगवंत मान को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा और ऐतिहासिक जीत हासिल की।



                                            

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